पति से अलग भी रहना है और खर्चा भी चाहिए… कोर्ट ने खारिज कर दिया महिला का केस

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यूपी के कानपुर कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी करते हुए महिला की याचिका खारिज कर दी. महिला अपने पति के साथ भी नहीं रहना चाहती थी और उसको गुजारा भत्ता भी चाहिए था. महिला को पति के 60 हजार वेतन में से 40 हजार रुपए चाहिए थे. हालांकि अब महिला के हाथ में कुछ नहीं आएगा.

कानपुर के किदवई नगर निवासी महिला की शादी दिल्ली निवासी शिक्षक से हुई थी. महिला ने मुकदमा दर्ज कराते हुए आरोप लगाया था कि उसकी शादी 2018 में हुई थी और शादी में उसके मायके वालों ने तकरीबन 25 लाख रुपए खर्च किए थे. महिला का आरोप था कि कुछ समय बाद से उसके ससुराल वाले दहेज की मांग को लेकर उसको प्रताड़ित करने लगे, सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि उसके पति ने उसको जान से मारने की कोशिश भी की.

पत्नी का आरोप था कि उसका पति उसे मारकर दूसरी शादी करना चाहता है. पत्नी ने गुजारा भत्ता की मांग करते हुए कहा कि उसके पति को 61 हजार रुपए वेतन मिलता है और गुजारा भत्ता के रूप में उसको 40 हजार रुपए दिलवाए जाए. दूसरी तरफ पति ने मारपीट के आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि उसकी पत्नी अपने माता पिता के साथ रहती है. झूठा आरोप लगाकर उसको पुलिस में बंद कर देती है. इसके बावजूद वो अपनी पत्नी को रखना चाहता है लेकिन वो नहीं रहना चाहती. ऐसे में गुजारा भत्ता का आदेश देने से उसका परिवार बिखर जाएगा.

कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि पति अपनी पत्नी को रखना चाहता है, लेकिन इसके बावजूद पत्नी बिना कारण पति के साथ रहना नहीं चाहती. इसलिए वह भरण पोषण की अधिकारी नहीं है. कोर्ट ने यह कहते हुए मुकदमा खारिज कर दिया. कोर्ट ने पहले से मिल रही अंतरिम राशि मात्र 1300 रुपए आदेश की तारीख तक देने के निर्देश दिए.

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