सावन के महीने में भगवान विश्वनाथ के दर्शन में अव्यवस्था रोकने के लिए मंदिर और वाराणसी प्रशासन ने कमर कस ली है। मंदिर प्रशासन ने सावन के दौरान भगवान विश्वनाथ के वीआईपी और स्पर्श दर्शन पर पूणत: रोक लगा दी है।
काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्रा ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “प्रत्येक वर्ष श्रावण मास में आकलन के हिसाब से एक से डेढ़ करोड़ श्रद्धालु आते हैं। इसके लिए सारी व्यवस्थाएं कर ली गई हैं। लाइन्स की संख्या को बढ़ा दिया गया है। साथ ही पानी, कूलर, ओआरएस घोल देने की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
लोगों की सुविधा के लिए सभी कर्मचारियों की ड्यूटी भी लगा दी गई है। सभी आगंतुक श्रद्धालुओं को सुगम और सुचारू दर्शन हो सके, इसके लिए न्यास पूरा प्रयास करेगा।” वह कहते हैं, “श्रावण महीने में भीड़ बहुत ज्यादा होने की वजह से स्पर्श दर्शन और वीआईपी दर्शन पर पूर्णत: रोक रहेगी।” उन्होंने आगे कहा, “इसके अलावा सावन की तैयारियों को लेकर हम शुक्रवार को पहला रिहर्सल करेंगे, जिसमें न्यास के अधिकारी आपस में बातचीत करेंगे।
इसके पश्चात मंडलायुक्त के निर्देशानुसार 20 जुलाई को सभी अधिकारियों के सामने फाइनल रिहर्सल किया जायेगा। जो कमियां रह जाएंगी, उन्हें 21 जुलाई को फिर से रिहर्सल कर पूरा कर लिया जाएगा।
इसके बाद हम 22 जुलाई से सावन के लिये मंदिर श्रद्धालुओं के लिए खोल देंगे।” 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक काशी विश्वनाथ मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ रहती है। पिछले साल सावन के महीने में एक करोड़ से अधिक लोगों ने काशी में भगवान विश्वनाथ के दर्शन किये थे। इस बार सावन का महीना 22 जुलाई से शुरू हो रहा है और पूरे महीने के पांच सोमवारों में मंदिर न्यास को पिछली बार से ज्यादा भक्तों के दर्शन की उम्मीद है।