डायरिया और मलेरिया से प्रदेश में हो रही लगातार मौतों पर स्वत: संज्ञान लेते हुए गुरुवार को हाईकोर्ट में जनहित याचिका मानकर सुनवाई की। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा के डिवीजन बेंच ने अव्यवस्था पर प्रदेश के मुख्य सचिव से जवाब मांगा है।
बता दें कि जिले में 7 जुलाई से लेकर अब तक 501 मरीजों की डायरिया और मलेरिया की चपेट में आने की पुष्टि हो चुकी है। इनमें से 29 मरीज इलाज के बाद स्वस्थ हो चुके हैं.
वहीं जिले के अलग अलग उप स्वास्थ्य केंद्रों और स्वास्थ्य केंद्रों में 72 मरीजों का इलाज अभी भी जारी है। इस बीच 2 लोगों की मलेरिया और 1 की डायरिया से मौत हो चुकी है। जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं पर हर साल करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी संक्रामक बीमारियों से लोगों की जान जा रही है। ऐसी घटनाओं पर हाई कोर्ट ने गंभीरता दिखाते हुए जनहित याचिका मानकर मामले की सुनवाई कर रहा है। चीफ जस्टिस के डिवीजन बेंच ने प्रदेश के मुख्य सचिव से जवाब मांगा है।