कलेक्टर अजीत वसंत ने आज कलेक्टोरेट सभाकक्ष में राजस्व अधिकारियों की समीक्षा बैठक लेकर लंबित राजस्व प्रकरणों के निराकरण में प्रगति लाने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने सभी राजस्व अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि जिले में नक्शा बटांकन का कार्य शीघ्रता से पूर्ण करें। जिले में पदस्थ प्रत्येक पटवारी प्रतिदिन 25 खसरा, नक्शा बटांकन का कार्य पूर्ण करें। उनके कार्य प्रगति की सतत् मॉनिटरिंग तहसीलदार करें। कार्य में अपेक्षित प्रगति नहीं आने पर संबंधित पटवारी तहसीलदार के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी।
कलेक्टर ने कहा कि अधिकारी राजस्व प्रकरणों के निराकरण में गंभीरता से प्रगति लाएं। आम लोगों को राहत पहुंचाने के लिए सभी अधिकारी व्यक्तिगत रूचि लेकर कार्य करें। बैठक में अपर कलेक्टर श्री दिनेश नाग, श्री अनुपम तिवारी, समस्त अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, तहसीलदार सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।
कलेक्टर ने राजस्व अधिकारियों की समीक्षा बैठक में नक्शा बटांकन में अपेक्षित प्रगति नहीं लाने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए सभी तहसीलदार को नक्शा बटांकन में शीघ्र प्रगति लाने के निर्देश दिए गए। इस संबंध में प्रभारी आधिकारी भू अभिलेख को प्रत्येक तहसील की हल्कावार समीक्षा किए जाने के निर्देश दिए। प्रत्येक तहसीलदार को भुइयां में किसान किताब की प्रविष्टी हेतु आगामी 1 महीने में 10 प्रतिशत का लक्ष्य दिया गया। साथ ही साथ किसान किताब की प्रविष्टि में अपेक्षित प्रगति नहीं लाने पर तहसीलदार भैंसमा, दीपका, कोरबा को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। कोटवारी भूमि/सेवा भूमि के लिए खसरे में अहस्तांतरणीय शब्द दर्ज करने हेतु सभी तहसीलदार को निर्देशित किया गया। त्रुटि सुधार के प्रकरणों में आगामी 10 दिवस में अपेक्षित प्रगति लाने हेतु सभी एसडीएम/तहसीलदार को निर्देश दिए। भू अर्जन मामले मे 1980 के बाद के भू-अर्जन के सभी प्रकरणों में जल्द से जल्द रिकॉर्ड दुरुस्ती कराने के निर्देश राजस्व अधिकारियों को दिए।
कलेक्टर ने कहा कि किसानों के लिए आवश्यक एवं महत्वपूर्ण किसान किताब की प्रविष्टि कराकर वितरित कराएं। एसडीएम एवं तहसीलदारों को निर्देशित किया गया कि त्रुटि सुधार का कार्य शीघ्रता से पूर्ण कराएं। उन्होंने अविवादित/विवादित नामांतरण, सीमांकन, बटांकन, भू अर्जन, भू व्यवस्थापन सहित अन्य राजस्व प्रकरणों का तहसीलवार समीक्षा करते हुए प्रकरणों के निराकरण में प्रगति लाने हेतु आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कोई भी प्रकरण अनावश्यक समय-सीमा से बाहर न हो सभी अधिकारी इस बात का विशेष ध्यान रखें। साथ ही सभी प्रकरणों की ऑनलाईन एंट्री भी गंभीरता से करने की बात कही। उन्होंने सभी एसडीएम और तहसीलदारों को अपने कोर्ट में प्रकरणों की सुनवाई हेतु दिन निर्धारित दिन एवं समय पर सुनवाई करने को कहा। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी तहसीलदार पेशी तारीख अद्यतन करें।
कलेक्टर ने राजस्व अधिकारियों को त्रुटि सुधार वाले आवेदनों पर गंभीरता से कार्यवाही करते हुए समय सीमा में निराकरण करने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी तहसीलदारों को कोटवारी भूमि में अहस्तांतरणीय दर्शाना सुनिश्चित करने की बात कही। जिससे उक्त भूमि की खरीदी बिक्री पर रोक लगाई जा सके। उन्होंने समय-सीमा के बाहर अविवादित/विवादित नामांतरण, सीमांकन, बटांकन, खाता विभाजन के प्रकरणों का समीक्षा करते हुए लंबित प्रकरणों को शीघ्रता से निराकृत करने हेतु निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि कोई भी प्रकरण अनावश्यक समय सीमा से बाहर नहीं होना चाहिए। कलेक्टर ने निर्देश दिए कि सभी एसडीएम एवं तहसीलदारों के अनुविभागों में प्राकृतिक आपदा सहायता के प्रकरण के संबंध में संबंधित पटवारी स्वतः फील्ड में जाएं तथा मौका मुआयना करके प्रकरण तैयार करें। इसके साथ ही सभी आवश्यक दस्तावेज पूर्ण करके जिला कार्यालय भेजें। कलेक्टर ने कहा कि ऋण पुस्तिका, सीमांकन के आवेदन संबंधित अधिकारियों द्वारा निराकृत किए जाएं।
उन्होंने निर्देश दिए कि मसाहती ग्रामों का प्रारंभिक प्रकाशन कराया जाए। नक्शा बटांकन, अभिलेख शुद्धता, किसान किताब वितरण की कार्यवाही में भी प्रगति लाने हेतु निर्देशित किया। भू-आबंटन के प्रकरणों में भी समय पर तहसीलदारों को रिपोर्ट उपलब्ध करने के लिए कहा। साथ ही सभी एसडीएम को नक्शा बटांकन, भू-आबंटन सहित अन्य कार्यों का नियमित मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए।