धान घोटाले की जांच में लापरवाही: टीआई-आरक्षक निलंबित

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धान घोटाले की जांच मे लापरवाही पाए जाने पर पुलिस अधीक्षक ने थाना प्रभारी और प्रधान आरक्षक को निलंबित कर दिया है। शिकायत मिलने के बाद प्रथम दृष्टया अवलोकन के बाद पुलिस अधीक्षक ने यह कार्यवाही की है।

जिला सहकारी केंद्रीय बैंक रामानुजगंज में एक करोड़ 33 लाख रुपए से अधिक के गबन के मामले में शाखा प्रबंधक शंकर राम भगत और कर्मचारी विजय उइके तथा राजेश पाल की संलिप्तता पाई जाने पर पुलिस ने उनकी गिरफ्तारी की थी। उक्त शाखा प्रबंधक और कर्मचारियों के द्वारा अपनी पदस्थापना के दौरान शासकीय राशि का गलत तरीके से अन्य खातों में स्थानांतरण का कुल 1 करोड़ 33 लाख 689 रुपए का गबन किया गया था।

मामले में मिली जानकारी के अनुसार दर्ज एफआईआर में छेड़छाड़ की गई थी। एसपी राजेश अग्रवाल को किसी ने इसकी शिकायत की थी। इसके बाद एसपी राजेश अग्रवाल ने मामले को काफी संजीदगी से लिया।

मामले का अवलोकन कर प्रथमदृष्टया मामला संदिग्ध पाए जाने पर रामानुजगंज थाना प्रभारी निरीक्षक ललित यादव और प्रधान आरक्षक उमेश यादव को निलंबित कर दिया है। मामले में पूरी जांच हो जाने के बाद यह स्पष्ट हो सकेगा कि किस तरह की लापरवाही या छेड़छाड़ की गई है। और विवेचना में किस किस्म की लापरवाही बरती गई है।

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