सलाखों के पीछे कैद भाइयों की कलाई पर राखी बांध सकेंगी बहनें, जेलों में तैयारी शुरू

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रायपुर केंद्रीय जेल समेत छत्‍तीसगढ़ के जेलों में पिछले साल की तरह इस बार भी राखी त्योहार धूमधाम से मनाने की तैयारी में जेल प्रशासन जुट गया है। कुछ दिन पहले तक इसके आयोजन को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई थी, लेकिन जेल मुख्यालय ने इसके आयोजन की अनुमति दे दी है। दरअसल कोरोना संकट काल के बाद से ही जेलों में बंद अपने कैदी भाइयों की कलाई पर बहने राखी नहीं बांध पा रही है, क्योंकि भारी भीड़ होने के कारण इसे नियंत्रित करने में जेल प्रशासन के पसीने छूटते रहे है।

जेल डीजी राजेश मिश्रा ने सभी जेल अधीक्षकों और जेलरों को पत्र लिखकर राखी के आयोजन के लिए सुझाव मांगा था, इसमें कैदियों को राखी बांधने के लिए आने वाली उनकी बहनों और स्वजनों की संख्या, आयोजन पर होने वाले व्यय, सुरक्षा की व्यवस्था के साथ ही अन्य जानकारी देने को कहा था। इसका ब्यौरा मिलने के बाद आदेश जारी कर दिया गया। जेल के बाहर सार्वजनिक रूप से इसकी सूचना भी चस्पा कर दी गई है।

रायपुर केंद्रीय जेल अधीक्षक अमित शांडिल्य ने कहा, जेल में राखी पर्व का आयोजन की अनुमति जेल मुख्यालय से मिलने के बाद इसकी तैयारी चल रही है। बहनों को सौ ग्राम सूखी मिठाई और राखी के साथ जांच के बाद जेल के भीतर प्रवेश मिलेगा। प्रत्‍येक बंदी के तीन स्वजनों को ही भीतर लेने की अनुमति होगी। इसके लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जा रहे है।

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