अनुसूचित जाति व जनजाति आरक्षण में क्रीमिलेयर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ विभिन्न संगठनों द्वारा आयोजित भारत बंद के तारतम्य में कोरबा बंद का आंशिक असर रहा। यहां बंद के समर्थक संयुक्त आयोजन समिति के सदस्यों द्वारा घूम-घूम कर दुकानें बंद करने का निवेदन किया जाता रहा लेकिन बंद समर्थकों के निवेदन को अनसुनी कर दी गई और कुछ व्यापारियों को छोडक़र अधिकांश ने अपनी दुकानें पूर्व की भांति खुली रखी। स्कूलों, बैंक तथा सरकारी दफ्तरों में पूर्व की भांति जारी रहा।
बंद समर्थकों के निवेदन पर व्यापारी कुछ देर अपनी दुकानें बंद कर देते थे वहीं उनके जाने के बाद पुन: दुकानें खोलकर अपना व्यापार करने में जुट जाते थे। बंद के दौरान किसी प्रकार की अप्रिय घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस प्रशासन बेहद सतर्क रही। चौक-चौराहों पर आज सुबह से ही पुलिस के जवान तैनात कर दिए गए थे जो बंद समर्थकों पर लगातार निगरानी रखे रहे।
जानकारी के मुताबिक कोरबा जिले में बंद समर्थक किसी तरह का उपद्रव न फैला सके इसके लिए 300 से ज्यादा फोर्स तैनात किए गए थे जो पूरी तरह अलर्ट मोड में रहे। शहर में सुरक्षा बलों के तैनाती के अलावा सभी थाना प्रभारियों को भ्रमणशील रहने का निर्देश पुलिस कप्तान की ओर से दिया गया था।
कप्तान के निर्देशानुसार पुलिस अधिकारी लगातार शहर में गश्त करते रहे। चौक-चौराहों पर तैनात पुलिस कर्मियों को उत्पात मचाने और तोडफ़ोड़ करने वाले बंद समर्थकों से सख्ती से निपटने का निर्देश भी दिया गया था। पुलिस की सक्रियता के चलते जिले में किसी प्रकार की कोई बड़ी घटना नहीं हुई। खबरों के मुताबिक कोरबा शहर में बंद कर आंशिक असर रहा।
यहां पावर हाउस रोड, टीपी नगर, बुधवारी बाजार, सीतामणी क्षेत्र में दुकानें खुली रहीं, जबकि निहारिका क्षेत्र में अधिकांश दुकानें चाय, पान ठेले खुले रहे। वाहनों का आवागमन भी होता रहा। कोरबा शहर के अलावा उपनगरीय बालको, दर्री, जमनीपाली, बांकीमोंगरा, कुसमुंडा, दीपका, छुरी, कटघोरा में भी बंद का कोई विशेष असर नहीं पड़ा है। यहां स्थित लगभग सभी दुकानें खुले हुए हैं।