अटल बिहारी बाजपेयी विश्वविद्यालय में सदस्यता अभियान का विरोध, छात्रों को पीटते ले गई पुलिस

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बिलासपुर– अटल बिहारी बाजपेयी विश्वविद्यालय में शुक्रवार को एबीवीपी (अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद) के सदस्यता अभियान का विरोध करते हुए कुछ छात्र कुलपति के चेंबर के सामने पहुंच गए। इसी दौरान विश्वविद्यालय प्रबंधन की सूचना पर पहुंची पुलिस और छात्रों के बीच झूमाझटकी हो गई।

इसके बाद पुलिस ने तीन छात्रों को पीटते हुए थाने ले गई। इसकी सूचना पर बड़ी संख्या में छात्र कोनी थाने पहुंच गए। इसके बाद छात्रों को छोड़ने की मांग को लेकर थाने के सामने नारेबाजी की गई। देर शाम तक पकड़े गए छात्रों को छोड़ दिया गया।

अटल बिहारी बाजपेयी विश्वविद्यालय में शुक्रवार को एबीवीपी के पदाधिकारी संगठन का सदस्यता अभियान चला रहे थे। इसी दौरान पदाधिकारी यूटीडी में गए। इस दौरान वहां पर छात्र पढ़ाई कर रहे थे। एबीवीपी के सदस्यता अभियान का वहां पढ़ रहे छात्रों ने विरोध किया। इसके बाद भी एबीवीपी के सदस्य वहां अपना काम कर रहे थे।

इसका विरोध करते हुए छात्र कुलपति के चेंबर तक पहुंच गए। यहां छात्रों ने चेंबर के सामने प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी की। हंगामा बढ़ते देख विश्वविद्यालय प्रबंधन ने कोनी पुलिस को इसकी सूचना दी। पुलिस के पहुंचते ही छात्र उग्र हो गए। छात्रों ने कहा कि यूटीडी कैंपस में एबीवीपी द्वारा सदस्यता अभियान चलाया जा रहा है।

जिससे छात्रों को पढ़ाई में व्यवधान हो रहा है। छात्रों पर सदस्यता लेने दबाव बनाया जा रहा है। जवानों ने छात्रों को समझाइश देकर शांत कराना चाहा। इस पर छात्र नेताओं ने नारेबाजी शुरू कर दी। इसके बाद पुलिस और छात्रों के बीच झूमाझटकी हुई। इसके बाद पुलिस ने बल प्रयोग करते हुए हंगामा कर रहे छात्रों को बाहर खदेड़ दिया। पुलिस ने तीन छात्रों नीरज यादव, सौरभ दुबे और प्रतीक राजपूत को थाने ले आई। छात्रों ने पुलिस पर धक्कमुक्की करने और मारपीट करने का आरोप लगाया। इधर पुलिस ने भी छात्रों पर दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया है।

एनएसयूआइ के प्रदेश उपाध्यक्ष शशांक लक्की मिश्रा ने बताया कि एबीवीपी का सदस्यता अभियान कुलपति के संरक्षण में चल रहा है। इसका छात्रों ने पहले शांतिपूर्ण विरोध किया। प्रबंधन की ओर से दबाव बनाने पर छात्र भड़क गए। पुलिस के छात्रों से दुर्व्यवहार किया गया। साथ ही छात्रों की पिटाई की गई। इस घटना के विरोध में शनिवार की दोपहर एक बजे एनएसयूआइ की ओर से विश्वविद्यालय का घेराव किया जाएगा।

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