बिलासपुर– रायपुर में हाल ही में प्रयास विद्यालय के छात्रों द्वारा किए गए प्रदर्शन और चक्काजाम को लेकर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने गंभीर चिंता व्यक्त की है। इस मामले को जनहित याचिका के रूप में लिया गया है, और हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा ने छात्रों के सड़क पर उतरने की घटना पर सख्त सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा, “बच्चों को सड़क पर उतरने की अनुमति कैसे दी जा रही है?”
जांच और शपथ पत्र का निर्देश
चीफ जस्टिस ने इस घटना की जांच कराने के निर्देश छत्तीसगढ़ राज्य के मुख्य सचिव को दिए हैं। साथ ही, मामले में अगली सुनवाई तक जांच की रिपोर्ट शपथ पत्र के रूप में प्रस्तुत करने को कहा है। कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि भविष्य में ऐसी कोई घटना न हो और बच्चों को सड़क पर उतरने से रोका जा सके।
प्रबंधन पर सवाल
हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच, जिसमें चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा और जस्टिस बीडी गुरु शामिल थे, ने छात्रों के सड़क पर उतरने पर स्कूल प्रबंधन की जिम्मेदारी पर भी सवाल उठाए। कोर्ट ने कहा, “प्रबंधन क्या कर रहा है, बच्चे सड़क पर कैसे आ रहे हैं?” कोर्ट ने अगली सुनवाई 7 अक्टूबर को निर्धारित की है।
सरकार की प्रतिक्रिया पर नाराजगी
मामले की सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता प्रफुल्ल एन भारत और उप महाधिवक्ता शशांक ठाकुर ने कोर्ट को बताया कि छात्रों की समस्याओं को संबंधित अधिकारियों ने संज्ञान में लिया है और उनका समाधान किया जा रहा है। इस पर कोर्ट ने शासन की प्रतिक्रिया पर नाराजगी जताई और कहा कि सरकारी संस्थानों में बुनियादी सुविधाओं की कमी क्यों हो रही है?
अभिभावकों से मिलने की सलाह
चीफ जस्टिस ने सुझाव दिया कि अगर संस्थानों में बुनियादी सुविधाओं की कमी हो रही है या अनियमितता है, तो छात्रों को अपने अभिभावकों के माध्यम से संबंधित अधिकारियों से संपर्क करना चाहिए। हाईकोर्ट ने शासन से इस मामले को गंभीरता से लेने का आदेश दिया है, ताकि भविष्य में छात्रों को सड़क पर उतरने की नौबत न आए। अगली सुनवाई 7 अक्टूबर को होगी, जिसमें मामले की और गहन समीक्षा की जाएगी।