दिल्ली- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु अल्जीरिया, मॉरिटानिया और मलावी की अपनी राजकीय यात्रा के अंतिम चरण में (17 अक्टूबर, 2024) लिलोंग्वे, मलावी पहुंचीं। कामुजू अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर राष्ट्रपति का स्वागत मलावी के उपराष्ट्रपति महामहिम माइकल उसी तथा अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने किया। उनका औपचारिक स्वागत किया गया और बच्चों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। हवाई अड्डे पर राष्ट्रपति के समक्ष एक पारंपरिक सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया।
यह भारत की ओर से मलावी की पहली राजकीय यात्रा है। राष्ट्रपति के साथ राज्यमंत्री श्री सुकांत मजूमदार और सांसद श्री मुकेशकुमार दलाल एवं श्री अतुल गर्ग भी थे।
बाद में, राष्ट्रपति ने भारत-मलावी व्यापार बैठक में भाग लिया और उसे संबोधित किया।
इस अवसर पर बोलते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि मलावी प्राकृतिक भंडार और उपजाऊ कृषि भूमि से समृद्ध देश है। दूसरी ओर, भारत के पास एक बड़ा उपभोक्ता आधार है और इसकी बड़ी आबादी के लिए ऊर्जा, खनिज और भोजन की मांग बढ़ रही है। हमारे दोनों देश कई क्षेत्रों में समन्वय स्थापित करने के लिए एक साथ आ सकते हैं। कृषि, खनन, ऊर्जा, पर्यटन आदि क्षेत्रों में हमारे सहयोग को बढ़ाने की अपार संभावनाएं हैं।
राष्ट्रपति ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि भारत और मलावी के बीच द्विपक्षीय व्यापार बढ़ रहा है। भारत वर्तमान में मलावी का चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है। विभिन्न क्षेत्रों में 500 मिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक के निवेश के साथ भारत मलावी में सबसे बड़े निवेशकों में से एक है।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत-मलावी साझेदारी केवल सरकारों तक ही सीमित नहीं है, क्योंकि अफ्रीका एक महत्वपूर्ण व्यापार एवं निवेश गंतव्य के रूप में उभरा है। भारत का निजी क्षेत्र इस प्रोत्साहन को आगे बढ़ाने में अग्रणी है। अफ्रीका में विभिन्न क्षेत्रों में भारतीय बहुराष्ट्रीय एवं एसएमई कंपनियों द्वारा निवेश बढ़ रहा है।
राष्ट्रपति ने विश्वास व्यक्त किया कि भारत-मलावी व्यापार बैठक में हुई चर्चा दोनों देशों के बीच वाणिज्यिक संबंधों को विकसित करने में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि साबित होगी।
शाम को राष्ट्रपति एक स्वागत समारोह में भारतीय समुदाय के सदस्यों को संबोधित करेंगी।