पात्र किसानों को धान उपार्जन केंद्रों में न हो किसी प्रकार की परेशानी : कलेक्टर

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कोरबा- प्रदेश सहित कोरबा जिला में खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 के तहत 14 नवंबर से 31 जनवरी 2025 तक होने वाली धान उपार्जन की तैयारी को लेकर कलेक्टर अजीत कुमार वसंत ने आज कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में विभागीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक लेकर निर्देश दिए, कि जिले के पात्र किसानों से धान खरीदी के लिए सहयोगात्मक रवैया अपनाते हुए, सकारात्मक वातावरण बनाएं। इसके साथ ही अवैध धान की खरीदी बिक्री को रोकने के लिए कोचियों, बिचौलियों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जाए।

उन्होंने धान खरीदी की आरंभिक तैयारी के संबंध में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, तहसीलदार, कृषि, खाद्य, सहकारिता, विपणन संघ, नागरिक आपूर्ति निगम, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित एवं मंडी विभाग के अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि धान उपार्जन के लिए सभी एसडीएम अपने अनुभाग के नोडल अधिकारी होंगे और धान उपार्जन प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी या अनियमितता स्वीकार नहीं की जायेगी। इसके लिए उन्होंने सभी को सर्तक होकर गंभीरता से कार्य करने के निर्देश दिए हैं।

समीक्षा बैठक में कलेक्टर वसंत ने निर्देश दिए कि धान उपार्जन प्रक्रिया में संलग्न अधिकारी कर्मचारी धान उपार्जन हेतु शासन द्वारा निर्धारित नई नीति, दिशा निर्देशों का पूर्णतः पालन करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि धान उपार्जन की सुचारू प्रक्रिया के लिए सभी आवश्यक तैयारियां पूर्ण कर ली जाए। कलेक्टर ने निर्देशित किया कि जिस धान उपार्जन केंद्र पर धान चबूतरा नहीं है वहां पर दो लेयर में ड्रेनेज सुनिश्चित करें। इलेक्ट्रॉनिक तौल मशीनों का सत्यापन करा लिया जाए। यदि किसी केंद्र पर इलेक्ट्रॉनिक तौल मशीन में तकनीकी खराबी आती है तो उसी दिन उसका सुधार कराकर मशीन से ही धान का तौल किया जाए। कलेक्टर ने बताया कि अधिकतम 21 क्विंटल प्रति एकड़ धान खरीदी निर्धारित की गई है। धान कॉमन के लिए 2300 रुपए प्रति क्विंटल तथा धान ग्रेड ए के लिए 2320 रुपए प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य निर्धारित किया गया है। उपार्जन के लिए लघु एवं सीमांत किसानों के लिए 2 टोकन तथा बड़े किसानों के लिए 3 टोकन जारी किए जाएंगे। मोबाइल ऐप टोकन तुंहर हाथ के माध्यम से आसानी से टोकन प्राप्त कर धान उपार्जन किया जाएगा। इसके साथ ही समिति के माध्यम से रविवार से शुक्रवार तक सुबह 9ः 30 बजे से शाम 5 बजे तक टोकन जारी किए जाएंगे। धान खरीदी के लिए किसानों को न्यूनतम 7 दिवस के बाद का टोकन जारी किया जाएगा।

बैठक में कलेक्टर वसंत द्वारा धान की रिसाईकलिंग रोकने हेतु अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, तहसीलदारों एवं संबंधित विभागो को सख्त निर्देश दिए गए। उन्होंने जिले में अवैध धान खरीदी को रोकने हेतु गठित जांच दल को निरंतर प्रभार क्षेत्र में निरीक्षण करने हेतु निर्देशित किया तथा कोचियों / बिचौलियों एवं धान खरीदी केन्द्रो में अनियमितता पाए जाने पर मंडी अधिनियम के तहत प्रकरण निर्मित करने हेतु निर्देशित किया। कलेक्टर ने धान खरीदी केन्द्रो में धान खरीदी से पूर्व सभी आवश्यक तैयारी पूर्ण कराते हुए 14 नवम्बर 2024 से सभी धान उपार्जन केन्द्रो के माध्यम से धान खरीदी कराने हेतु नोडल अधिकारी सीसीबी कोरबा को निर्देशित किया। जिले के पंजीकृत वास्तविक किसानों से सुगमतापूर्वक धान खरीदी करने के आवश्यक कार्यवाही करने हेतु संबंधित विभागों को निर्देशित किया गया।

बैठक में विगत वर्षो में धान विक्रय नही करने वाले किसानों द्वारा इस वर्ष धान विक्रय करने पर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व द्वारा भौतिक सत्यापन कर धान खरीदी करने हेतु निर्देशित किया गया। कलेक्टर ने उपार्जन केन्द्रो की आरंभिक व्यवस्था के लिए उपयुक्त स्थल का चयन (न्यूनतम बफर 7200 क्विटल एवं समतल भूमि), विद्युत व्यवस्था, कम्प्युटर सेट, यूपीएस, इंटरनेट कनेक्शन, डाटा एंट्र ऑपरेटर की व्यवस्था, हमाल, मानव संशोधन, पॉलिथीन, बैनर, पोस्टर, पीने का पानी, प्राथमिक उपचार पेटी, समर्थन मूल्य के प्रदर्शन हेतु बैनर, बायोमेट्रिक डिवाईस, आर्द्रतामापी यंत्र, इलेक्ट्रानिक तौल मशीन, कांटाबांट, नापतौल विभाग से सत्यापन, स्थानीय स्तर पर निगरानी समिति, शिकायत कॉल सेंटर नंबर, बारदानो की उपलब्धता, नये बारदाने, पुराने बारदाने, पीडीएस बारदाने,रंग सुतली, नोडल अधिकारी /खाद्य अधिकारी/ अन्य अधिकारियों के नंबरों का प्रदर्शन के निर्देश दिए।

कलेक्टर ने शासन के निर्देशानुसार उपार्जन केंद्र, संग्रहण केंद्र एवं राइस मिलों में सीसीटीवी लगाने एवं बैकअप रखने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्देशित किया कि धान उपार्जन हेतु पुराने बारदाने पीडीएस दुकानों एवं मिलर से प्राप्त कर लिए जावे। कलेक्टर ने एसडीएम एवं तहसीलदारों को निर्देश दिए कि जिले के वास्तविक किसान धान उपार्जन के लाभ से वंचित न हो, इसके साथ ही अवैध धान की खरीदी बिक्री रोकने के लिए सख्त कार्यवाही की जाए।

कलेक्टर ने किसानों को भुगतान व्यवस्था को गंभीरता से लेते हुए बैंक मैनेजर को निर्देश दिए कि बड़े और छोटे किसानों से समानता का व्यवहार करते हुए नियमानुसार भुगतान किया जाए। भुगतान को लेकर किसी के साथ भेदभाव या पक्षपात न किया जाए।

शासकीय रकबे पर धान उत्पादन करके निजी जमीन में उत्पादन बताने वालों की धान जब्त एवं प्राथमिकी दर्ज करने की कार्यवाही की जाए। उन्होंने नए किसानों का सत्यापन करने, अवैध धान खरीदी रोकने के लिए एसडीएम एवं तहसीलदारों के द्वारा किसानों एवं खसरे का रेंडमली सत्यापन करने के निर्देश देते हुए खाद्य विभाग कृषि, राजस्व एवं सहकारिता विभागों के द्वारा सहयोग और समन्वय से कार्य करते हुए धान उपार्जन प्रक्रिया को सरल एवं सफल बनाने कहा।

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