“संगम अभियान” से जल संरक्षण और सतत आजीविका की दिशा में दंतेवाड़ा का ऐतिहासिक कदम

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दंतेवाड़ा- जिला पंचायत से प्राप्त जानकारी अनुसार ’’संगम अभियान’’ जिले के पंचायत में चलाया जा रहा है जो पंचायत एवं ग्रामीणों के लिए आगामी समय के लिए मील का पत्थर सिद्ध होगा। इसका उद्देश्य महात्मा गांधी नरेगा, एनआरएलएम, पंचायतों और अन्य विभागों की योजनाओं के अभिसरण से स्थायी ग्रामीण विकास मॉडल तैयार करना, महिला स्व सहायता समूह संगठनों पंचायती राज संस्थाओं शासकीय मैदानी अमलों का क्षमता निर्माण करना ताकि वे और आजीविका योजनाओं के निर्माण में नेतृत्वकारी भूमिका निभा सकें, इसके अलावा इसका लक्ष्य महात्मा गांधी नरेगा के कार्यों की गुणवत्ता बढ़ाना, जिससे जल संरक्षण, आजीविका संवर्धन और पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देना ताकि जनभागीदारी के माध्यम से आगामी तीन वर्षों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए ऐसी योजना तैयार करना भी है, जो तकनीकी रूप से उपयुक्त, स्थायी अधोसंरचना को बढ़ावा देने वाली एवं आजीविका में वृद्धि लाने वाली हो।

इस लक्ष्य पूर्ति हेतु मैदानी अमलों के कर्मचारीगण एवं ग्रामीणों की उपस्थिति में प्रशिक्षण सत्र का आयोजन किया गया था। ग्रामीणों ने मौके पर संगम अभियान के महत्व को प्रशिक्षण प्राप्त कर स्थायी अधोसंरचना, जल संरक्षण एवं सवंर्धन की शपथ ली। इस योजना के माध्यम से लखपति दीदी के तहत प्रत्येक परिवार की आर्थिक आय न्यूनतम राशि रू. 1 लाख तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है।

इस दौरान समस्त जनपद पंचायतों के मैदानी अमलों पर कार्यरत कर्मचारीगण जैसे- सहायक विकास विस्तार अधिकारी कार्यक्रम अधिकारी मनरेगा एवं बीपीएम, तकनीकी सहायक,बीसी-पीएमएवाय, मैदानी कर्मचारी (जैसे-कृषि, उद्यानिकी, मत्स्य, पशु, वाटरशेड, वन विभाग), कैडर (पी.आर.पी.,एफ. एल., सी.आर.पी. इत्यादि) ग्राम रोजगार सहायक उपस्थित थे।

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