इंदौर– शहर के सीएचएल अस्पताल में शुक्रवार दोपहर इलाज के दौरान युवक की मौत हो गई। इसके बाद स्वजन ने जमकर हंगामा किया। परिजनों ने जहां अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाया है, वहीं इलाज कर रहे डाक्टर ने मिर्गी का दौरा आने के बाद मौत होना बताया है। पूरे मामले में एमआइजी थाना पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है।
जानकारी के अनुसार लिवर की बीमारी के चलते अर्जुन चौहान का पिछले कई दिनो सें सीएचएल अस्पताल में इलाज चल रहा था। 10 दिन भर्ती रहने के बाद अर्जुन को छुट्टी दे दी गई थी। गुरुवार को अस्पताल में इंडोस्कापी हुई, जिसमें गैस्टिक वेरिस निकला। इसके बाद इलाज के लिए परिजन अर्जुन को शुक्रवार सुबह दोबारा सीएचएल अस्पताल लेकर आए थे।
मृतक की पत्नी कंचन चौहान ने अस्पताल प्रंबंधन और डाक्टर पर आरोप लगाते हुए कहा कि पति को खून की उल्टी हुई, जिसके बाद यहां दिखाया, तो बताया कि लिवर की बीमारी है। 10 दिन तक इलाज के बाद छुट्टी दे दी थी। दो दिन बाद इंडोस्काेपी हुई। शुक्रवार को इंजेक्शन लगवाने के लिए आए थे। सुबह मेरे पति को इंजेक्शन लगाया था। इसके बाद डाक्टर ने कहा कि दो घंटे में होश आ जाएगा, लेकिन डाक्टरों की लापरवाही से पति की जान चली गई। इंजेक्शन लगाने से पहले पति से बात भी हुई, लेकिन गलत तरीके से इंजेक्शन लगाने के बाद मौत हो गई।
इलाज कर रहे डाक्टर डा. नीरज जैन ने बताया कि अर्जुन चौहान एल्कोहलिक लिवर बीमारी से पीड़ित थे। खून की उल्टी होने पर भर्ती हुए थे। यहां कोमा में चले गए थे। इंडोस्कोपी के लिए गुरुवार को बुलाया था। उनके पेट में नसों का गुच्छा था। शुक्रवार को इलाज के लिए ग्लू नाम के 0.5 एमएल के चार इंजेक्शन लगाए। इलाज के तुरंत बाद मिर्गी का दौर पड़ गया। मरीज को पहले भी मिर्गी का दौरा पड़ चुका था, जिसकी दवाई मरीज ले रहा था। हमने आक्सीजन लगाकर तुरंत इमरजेंसी रूम में भर्ती किया और इलाज किया, लेकिन दो घंटे बाद मौत हो गई।