आरपीएफ पुलिस द्वारा रेलवे की संपत्ति की सुरक्षा की जाती है लेकिन दूसरी ओर आरपीएफ का दूसरा चेहरा काफी डरावना है। आरपीएफ पुलिस द्वारा ट्रेन में फेरी करने वाले वेंडर के साथ अवैध उगाही और मारपीट जैसी घटना को अंजाम दिया जाता है। ऐसा ही एक मामला रायगढ़ के मौदहा पारा निवासी महिला के साथ घटित हुआ। जिसकी शिकायत रायगढ़ न्यायालय के बाद उच्च न्यायालय में की गई है।
जानकारी देते हुए पीड़िता महिला उत्तरा बाई महिलाने ने बताया कि उसने अपना बचपन ट्रेन में भीख मांग कर गुजरा है। करीब 15 वर्ष पूर्व रेलवे के किसी अधिकारी ने उसे ट्रेन में मौसमी फल बिक्री कर जीवन यापन करने की सलाह दी थी। इसके बाद से उत्तरा बाई ने ट्रेन में फेरी करके अपना और अपने परिवार का गुजर बसर कर रही है लेकिन इन दिनों रेलवे पुलिस के कर्मचारियों की अवैध उगाही उसके लिए जी का जंजाल बन गई है।
उत्तरा बाई महिलाने ने बताया कि बीते 7 मई को जब वह मतदान करके ककड़ी बेचने के लिए स्टेशन पहुंची तब आरपीएफ पुलिस ने उसे पकड़ लिया और आरपीएफ थाना ले जाकर उसके साथ मारपीट की गई। मारपीट करने का कारण पूछने पर उसने बताया कि बृजराज नगर, रायगढ़, चांपा और बिलासपुर में पदस्थ आरपीएफ अधिकारी कर्मचारी ट्रेन में समान बिक्री करने पर प्रतिदिन 1000 रुपए की मांग करते हैं।
इसके अलावा मासिक पैसा अलग से मांगते हैं पैसा नहीं देने पर उनके द्वारा फेरी करने वालों का सामान छीनकर उनके साथ मारपीट की जाती है और उनके खिलाफ अपराध भी दर्ज कर दिया जाता है। जिस कारण गरीब वेंडर का परिवार चला पाना मुश्किल हो रहा है।
उत्तरा बाई महिलाने ने बताया कि उसने घटना का वीडियो भी अपने मोबाइल पर बनाया लेकिन कुछ देर बाद ही उसका मोबाइल आरपीएफ पुलिस जवानों ने छीन लिया। फिलहाल आरोप को लेकर हड़कंप मच गया है। इसकी शिकायत रायगढ़ न्यायालय समेत उच्च न्यायालय बिलासपुर में की है।