CG NEWS: ट्रक मालिकों की रोजी रोटी संकट में

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दंतेवाड़ा जिले के बैलाडीला स्थित एन एम् डी सी से लोह अयस्क के परिवहन हेतु संचालित बी टी ओ ए ट्रक मालिकों की संस्था पर अब नेताओ,अधिकारियों समेत रसूखदारो की गिद्ध की भांति नजर बनी हई है | दरअसल बैलाडीला ट्रक ओनर्स एसोसिएशन ट्रक मालिकों की संस्था है जिसके 800 से अधिक सदस्य है और 1400 से अधिक गाड़िया है,इस संस्था का अपना बायलॉज है जिसके नियमानुसार वार्षिक चुनाव होते है और सदस्य संस्था के अध्यक्,सचिव,उपाध्यक्ष,कोषाध्यक्ष व सह सचिव को चुनते है |

बी टी ओ ए का आखरी चुनाव 2022 में विधिवत संपन्न हुआ था जिसमे चुनाव में ए अनिल को अध्यक्ष,गौरांग साहा को सचिव,आकाश गोयल व प्रकाश मंडल को उपाध्यक्ष,आशीष सिन्हा व लक्ष्मण को सह सचिव के पद पर जीत हासिल हई थी जिनके कार्यकाल संपन्न होने के पश्चात बी टी ओ में आम चुनाव होने थे परन्तु बिना चुनाव के ही कुछ लोगो द्वारा मनमानी तरीके से अपने आप को बी टी ओ के अधिकारी बताकर संस्था में मेम्बरशिप को 2022 में 742 थी अब 1340 तक पहुंचा दिया गया है जिससे लगातार ट्रक मालिकों के लिए चिंता बनी हुई है जितनी गाड़ी बी टी ओ में वर्तमान में है उनका ही संचालन करने में ट्रक मालिकों के पसीने छूट रहे है आर्थिक तंगी झेल रहे ट्रक मालिक बताते है ट्रको को काम न मिलने के कारण वे परेशांन है महीने में एक ट्रिप ही लग पा रहा है जिसमे ड्राइवर का तनख्वा ही निकल जाये तो बहुत है,फाइनेंस कंपनी की किस्तों का भुगतान ट्रक मालिक समय पर नहीं कर पा रहे इसके अलावा इन्शुरन्स,रोड टैक्स,फिटनेस समेत ट्रको की मेंटेनन्स तक करना ट्रक मालिकों के लिये चुनौती साबित हो रहा है |

जिन ट्रको को सदस्यता बी टी ओ में चुनाव संपन्न किये बिना दी गयी है वो बी टी ओ के बायलॉज के विरुद्ध है आम चुनाव संपन्न किये बिना मेम्बरशिप देना या हटाना ये चुने हुए अध्यक्ष को अधिकार होता है | ट्रको को काम नहीं मिलने के कारण ड्राइवर,ढाबा संचालक,मेचानिक समेत इस व्यवसाय से जुड़े तमाम लोग परेशान है |

बी टी ओ कुछ रसूखदारों का निजी संस्थान बना हुआ है जहा संस्था के पुराने व आम सदस्य तमाशा बने हुए है जिन्हे कुछ रदुखदारो के अलावा किसी भी तरह पुछा भी नहीं जाता है अपने रोजी रोटी पर संकट देख कर बी टी ओ सदस्य कयी बार प्रयास कर चुके पर बेचारो की सुनने वाला कोई नहीं है | इधर सदस्यता किसी जरूरतमंद को न देकर रसूखदारों को ही दिये जाने से क्षेत्र में ट्रक व्यवसाय से जुड़ने का प्रयास कर रहे लोग भी आक्रोशित है |

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