किसी स्कूल में ऐसा हो सकता है? आप कल्पना नहीं कर सकते, जो पटना के दीघा स्थित टिनी टॉट एकेडमी में हुआ। गुरुवार को स्कूल से घर नहीं लौटे चार साल के आयुष की खोजबीन के दौरान शनिवार को स्कूल के क्लासरूम में एक गटर का ढक्कन जगह से हिला हुआ नजर आया। ऐसा लगा, जैसे ताजा ही खिसकाया गया है। इसे जब खोला गया तो आयुष की लाश मिली।
उसे जिंदा उसमें डाला गया या मरने के बाद या मारकर- अभी पुलिस सवाल-जवाब से इसे पक्का कर रही है। इस केस में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। दिनभर के हंगामे के बाद पूछताछ में सामने आया कि स्कूल की महिला प्रिंसिपल वीणा झा और उसका बेटा धनराज झा इस कांड के मुख्य अभियुक्त हैं। दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है। स्कूल के सीसीटीवी रिकॉर्ड में छेड़छाड़ के बाद शक गहराया तो पुलिस पूछताछ के जरिए इन दो नामों पर आकर टिक गई।
खेलने में लगी चोट, खून देख इलाज की जगह यह किया
चार साल का आयुष अपनी बहनों के साथ इस विद्यालय में पढ़ाई करता था। गिरफ्तार हुए प्राचार्य से पूछताछ में यह बात सामने आयी कि गुरुवार को खेलने के दौरान आयुष को चोट लगी थी और उसे खून निकलने लगे थे। इस घटना से परेशान आयुष का इलाज करने के बजाय विद्यालय के एक क्लासरूम स्थित गटर में उसे डाल दिया गया। गुरुवार की देर रात जब आयुष की खोज करते हुए परिवार और आसपास के लोग विद्यालय पहुंचे तो उस गटर के पास भी गए जिस गटर में आयुष को डाल दिया गया था।
बताया जा रहा है कि उस गटर का ढक्कन अपनी जगह से थोड़ा खिसका हुआ था। गटर के ढक्कन को देखकर लोगों को कुछ देर के लिए शक हुआ और जब उन्होंने गटर का ढक्कन हटाया तो आंखें फटी की फटी रह गईं। गटर के अंदर चार वर्ष का मासूम मरा पड़ा हुआ था।
बताया जा रहा है कि साक्ष्य मिटाने के लिए गटर के ढक्कन को बंद करने के बाद आयुष के खून के धब्बे को पानी से धो दिया गया था। दीघा थाना प्रभारी बृज किशोर प्रसाद ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि इस मामले में विद्यालय की प्राचार्य और उनके बेटे को गिरफ्तार कर लिया गया है और उनसे पूछताछ जारी है।
गुस्साई भीड़ ने स्कूल के कमरों में लगा दी थी आग
पटना के दीघा स्थित टिनी टॉट एकेडमी में शुक्रवार की सुबह आयुष कुमार का शव मिलने से लोग उग्र हो गए थे। आक्रोशित लोगों ने पटना-दीघा-गांधी मैदान मार्ग को ठप कर घंटों हंगामा किया था। इस दौरान नाराज लोगों ने विद्यालय के कमरों में आग लगा दी थी।
घटना की सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस अग्नि दस्ते की मदद से आग पर काबू पाया था। अब पुलिस इस मामले में यह पता लगाने में जुटी है कि आयुष को गटर में जिंदा दफन किया गया था या उसकी हत्या करने के बाद या वह खून बहने के कारण उसकी मौत के बाद यह किया गया। पुलिस इस मामले में गिरफ्तार लोगों से गहराई से पूछताछ कर रही है।