समर सीजन में ट्रेनों में सफर करना यात्रियों को भारी पड़ रहा है,क्योंकि लंबी दूरी की अधिकांश ट्रेनें पांच से दस घंटे लेट आ-जा रही है। सबसे अधिक 20 से 25 घंटे लेट से आजाद हिंद एक्सप्रेस आ-जा रही है। यह सिलसिला पिछले कई दिनों से बना हुआ है।
इसके कारण सामान्य श्रेणी में सफर करने वाले यात्री तपकर बीमार हो रहे है। रोज कोई न कोई यात्री बीमार होकर स्टेशन में उतर रहे है। ट्रेनों के इंतजार में स्टेशन में काफी भीड़ बढ़ गई है। आलम यह है प्लेटफार्म में खड़े होना तक मुश्किल हो रहा है।
गर्मी की छुट्टी होने की वजह से सभी एक्सप्रेस पूरी तरह से ट्रेनें पैक चल रही हैं। वहीं लेटलतीफी के कारण तपती दोपहरी से लेकर आधी रात तक लोगों को वेटिंग हाल या फिर प्लेटफार्म में सोना पड़ रहा है। परिवार के साथ आए लोगों में महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग सबसे ज्यादा परेशान हो रहे हैं।
पिछले कई महीने से रेलवे ट्रेनों को समय पर नहीं चला पा रहा है। यात्रियों को ट्रेन के इंतजार में चार से 13 घंटे तक स्टेशन में ही गुजरना पड़ रहा है। शनिवार को भी यही स्थिति रही। हावड़ा, मुंबई, पुणे व दिल्ली की ओर से आने वाली ट्रेनें घंटों देरी से रेलवे स्टेशन पहुंची।
एक्सप्रेस ट्रेनों के समय पर नहीं आने से यात्रियों में नाराजगी बढ़ती जा रही है। नाराजगी इस बात को लेकर ज्यादा है कि भीषण गर्मी में भी रेलवे की व्यवस्था बे-पटरी हो गई है। स्टेशन में गर्मी से बचाव के पुख्ता इतंजाम तक नहीं है।ट्रेनों की लेटलतीफी की समस्या करीब 20 दिन से बनी हैं। इसके बाद भी रेलवे प्रबंधन परेशानी दूर करने के बजाय बढ़ा रहा है।
सुबह आने वाली आजाद हिंद एक्सप्रेस शुक्रवार की तरह शनिवार को भी 13 घंटे लेट पहुंची,हावड़ा-मुंबई दूरंतो नौ घंटे तो मेल चार घंटे, रक्सोल समर स्पेशल नौ घंटे, योग नगरी ऋषिकेश से पुरी जाने वाली उत्कल एक्सप्रेस चार घंटे, वापसी की उत्कल एक्सप्रेस भी चार घंटे, जबलपुर-सांतरागाछी एक्सप्रेस 3:30 घंटे, विशाखापत्तनम-अमृतसर हीराकुंड एक्सप्रेस 3.30 घंटे, शालीमार-मुंबई चार घंटे, पूरी उधना स्पेशल 20 घंटे, रौनी गोंदिया एक्सप्रेस सात घंटे और मुंबई-हावड़ा दूरंतो एक्सप्रेस ज्यादा विलंब होने के कारण रद कर दी गई।
ट्रेनों के परिचालन की स्थिति से साफ लग रहा है कि यात्रियों को राहत नहीं मिलने वाली है। यात्रियों का कहना है कि भीषण गर्मी में जहां घर से निकलना मुश्किल है वहीं यात्रा करने के लिए स्टेशन पहुंचना ही पड़ रहा है।स्टेशन आने के बाद ट्रेन का इंतजार करना भारी पड़ रहा है। ट्रेनों की लेटलतीफी से हजारों यात्री हलाकान हैं।आठ से 10 घंटे का सफर 15 से 20 घंटे में पूरा हो रहा है। सुबह की ट्रेनें शाम तक रायपुर स्टेशन पहुंच रही हैं।
प्लेटफार्म में गुजर रही रात
गर्मी की छुट्टी की वजह से लगभग सभी एक्सप्रेस ट्रेनें पैक चल रही हैं। ट्रेनों के लेट होने की वजह से लोगों को पहले तपती दोपहरी स्टेशन में गुजारनी पड़ रही है तो रात में भी चादर डालकर प्लेटफार्म में ही सोना पड़ रहा है।
ट्रेनें निर्धारित समय पर नहीं चलने के कारण सबसे अधिक यात्री परेशान हैं।ब्लाक हो या न हो, एक जैसी ही ट्रेनों की गति बनी हुई है। हावड़ा-मुंबई और कटनी, बिलासपुर, रायपुर रेल लाइन की ट्रेनें घंटों देरी से चल रही हैं।यह सिलसिला एक दिन का नहीं, बल्कि पिछले कई महीनों से चल रहा है।
रेलवे के अधिकारियों का तर्क यही है कि रेलवे के हर सेक्शन में इंफ्रास्ट्रक्चर का काम चल रहा है। आने वाले दिनों में इससे सुविधा होगी।बिलासपुर जोन में तीसरी और चौथी रेल लाइन तैयार करने का काम रफ्तार से चल रहा है।
डीसीएम राकेश सिंह ने कहा, जोन स्तर पर विभिन्न सेक्शनों में तीसरी और चौथी रेल लाइन का काम चलने की वजह से ट्रेने लेटलतीफ आ-जा रही है। हालांकि पहले से काफी हद तक इसमें सुधार भी हुआ है। आने वाले दिनों में यात्रियों को इसका लाभ भी मिलेगा।