दो माओवादियों नें किया सरेंडर, कई नक्सल घटनाओं में थे शामिल

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जिले में चलाये जा रहे माओवादी उन्मूलन अभियान के दौरान डीआरजी, बस्तर फाईटर, केरिपु 85वी वाहिनी के द्वारा किये जा रहे संयुक्त प्रयासो से छग शासन की पुनर्वास और आत्मसर्पण नीति से प्रभावित होकर माओवादियो की खोखली विचारधारा, भेदभाव पूर्ण व्यवहार, उपेक्षा व प्रताड़ना से तंग आकर व छत्तीसगढ़ शासन के पुनर्वास एवं आत्मसमर्पण नीति से प्रभावित होकर दो नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है।

विच्चेम फरसी ऊर्फ बिज्जू उम्र 35 वर्ष , पदनाम बुरजी आरपीसी डीएकेएमएस उपाध्यक्ष, वर्ष 2007 से संगठन में सक्रिय था। सदीप मोड़ियाम उम्र 19 वर्ष पदनाम – गोरना-मनकेली मिलिशिया सदस्य एवं मूलवासी बचाओ मंच, उपाध्यक्ष, वर्ष 2022 से सक्रिय था।

विच्चेम फरसी ऊफ बिज्जू , माओवादी संगठन में कार्य का विवरण:वर्ष 2007 में गंगालूर एरिया कमेटी ग्राम कुरूष में बाल संघम सदस्य के पद पर संगठन में भर्ती हुआ। वर्ष 2009 में भूमकाल मिलिशिया सदस्य के पद पर संगठन में कार्य दिया गया। वर्ष 2021 में डीएकेएमएस सदस्य के रूप में कार्य दिया गया। वर्ष 2023 में बुरजी आरपीसी में डीएकेएमएस उपाध्यक्ष का कार्य दिया गया।

इन महत्वपूर्ण घटनाओं में रहे शामिल

वर्ष 2009 में तोड़का बालक आश्रम में तोड़फोड़ में शामिल।

वर्ष 2010 में पुसनार गंगालूर मार्ग पर पेड़ काटकार मार्ग अवरूद्ध करने की घटना में शामिल।

वर्ष 2021 में पुसनार गोरगीपारा के पास मुलवासी बचाओं मंच के सदस्यों के साथ पुसनार गंगालूर मार्ग पर जगह जगह गड्ढा खोदकर मार्ग वरूद्ध करने में शामिल।

अप्रेल 2023 में पुसनार से हिरोली जाने वाले रास्ते में जगह जगह गडढा खोदकर मार्ग अवरूद्ध करने में शामिल।

संदीप मोड़ियाम, माओवादी संगठन में कार्य का विवरण:-

वर्ष 2022 में गोरना-मनकेली RPC मे मिलिशिया सदस्य के पद मे शामिल हुआ तथा मूलवासी बचाओ मंच का सदस्य के पद पर संगठन में शामिल हुआ । 2023 में मूलवासी बचाओ मंच का उपाध्यक्ष बनाया गया ।

संगठन छोड़ने का कारण:-संगठन में कार्यो की उपेक्षा करने, भेदभाव पूर्ण व्यवहार एवं माओवादियों के द्वारा आदिवासियों पर किये जा रहे अत्याचार से त्रस्त होकर एवं छ0ग0 शासन की आत्मसमर्पण नीतियों से प्रभावित होकर भारत के संविधान पर विश्वास रखते हुए उक्त माओवादियों द्वारा पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया गया ।

आत्मसमर्पण करने पर इन्हें उत्साहवर्धन हेतु शासन की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति के तहत् 25000-25000/- रूपये (पच्चीस हजार रूपये) नगद प्रोत्साहन राशि प्रदान किया गया ।

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