शेफाली वर्मा ने रचा इतिहास, महिला टेस्ट क्रिकेट में सबसे तेज दोहरा शतक बनाने वाली खिलाड़ी बनीं

43

भारतीय बल्लेबाज शेफाली वर्मा ने शुक्रवार को चेन्नई के एमए चिदंबरम स्टेडियम में भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच एकमात्र टेस्ट मैच के दौरान टेस्ट क्रिकेट में सबसे तेज दोहरा शतक बनाकर इतिहास रच दिया। वर्मा ने सिर्फ 194 गेंदों में अपना दोहरा शतक पूरा किया।

वर्मा ने ऑस्ट्रेलिया की एनाबेल सदरलैंड के 256 गेंदों में दोहरा शतक बनाने के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया। सदरलैंड ने इस साल की शुरुआत में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ यह उपलब्धि हासिल की थी। ऑस्ट्रेलिया की कैरेन रोल्टन ने भी 313 गेंदों में दोहरा शतक बनाया है।

वर्मा ने पहले दिन न सिर्फ़ अपना पहला शतक लगाया, बल्कि मंधाना के साथ 292 रनों की साझेदारी भी की। वर्मा की शानदार पारी का अंत नॉनकुलुलेको म्लाबा और सिनालो जाफ्ता ने रनआउट करके किया।

वर्मा खेल के सबसे लंबे प्रारूप में यह उपलब्धि हासिल करने वाली मिताली राज के बाद दूसरी भारतीय खिलाड़ी बनीं। राज ने 22 साल पहले टॉन्टन में इंग्लैंड के खिलाफ ड्रॉ हुए टेस्ट में 407 गेंदों पर 214 रन बनाए थे।

20 वर्षीय शेफाली का 205 रन महिला टेस्ट में सातवां सबसे बड़ा स्कोर है, लेकिन वह महिला टेस्ट इतिहास में किसी भारतीय द्वारा सर्वोच्च व्यक्तिगत स्कोर दर्ज करने से चूक गईं। वह विश्व रिकॉर्ड तोड़ने से भी 38 रन दूर रह गईं, जो पाकिस्तानी खिलाड़ी किरण बलूच के नाम है, जिन्होंने 2004 में वेस्टइंडीज के खिलाफ 242 रन बनाए थे।

पहले दिन भारत का दबदबा:

मंधाना ने भी 161 गेंदों पर 27 चौकों और एक छक्के की मदद से 149 रन की शानदार पारी खेली।

वर्मा और मंधाना की 52 ओवरों में 292 रनों की ओपनिंग साझेदारी ने पाकिस्तान की साजिदा शाह और किरण बलूच की 2004 में कराची में वेस्टइंडीज के खिलाफ बनाई गई 241 रनों की ओपनिंग साझेदारी को पीछे छोड़ दिया।

शशि थरूर ने ट्वीट किया:

शेफाली वर्मा और स्मृति मंधाना के शानदार प्रदर्शन से प्रभावित होकर कांग्रेस के लोकसभा सांसद शशि थरूर ने लिखा, “भारतीय क्रिकेट के प्रति जुनूनी हम सभी को आज हमारी अन्यायपूर्ण रूप से उपेक्षित महिला टेस्ट क्रिकेटरों के शानदार प्रदर्शन पर खुशी मनानी चाहिए!”

Join Whatsapp Group