मंडी में एक महीने में 10 हजार रुपये तक गिरे लहसुन का दाम

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शाजापुर– लहसुन के दाम मंडी में पिछले एक महीने में 10 हजार रुपए तक प्रति क्विंटल गिर गए हैं। बीते 15 दिनों में 25 से 30 हजार रुपए प्रति क्विंटल तक बिक रहे लहसुन का दाम सोमवार को कृषि उपज मंडी में न्यूनतम पांच हजार और अधिकतम 17 हजार रुपए प्रति क्विंटल के भाव को पार नहीं कर पाया। वहीं प्याज के दाम भी न्यूनतम 100 रुपए और अधिकतम 2100 रुपए प्रति क्विंटल रहे।

मंडी में प्याज और लहसुन की अच्छी आवक होने लगी है। प्याज की आवक 3478 क्विंटल और लहसुन की आवक 1278 क्विंटल रही। बीते महीने तो लहसुन के भाव 30 हजार तक हो गए थे। लेकिन सोमवार को लहसुन अधिकतम 17 हजार रुपए प्रति क्विंटल ही बिक पाया। आने वाले समय में लहसुन के दाम में और गिरावट होने की उम्मीद है। व्यापारियों के अनुसार अनुसार इस बार प्याज के दाम में तेजी रहने की उम्मीद है और लहसुन के दाम सीमित रह सकते हैं।

फरवरी के पहले सप्ताह में मंडी में नए लहसुन बेहतर क्वालिटी की लहसुन व प्याज के दाम भी अच्छे दाम मिल रहे थे। कृषि उपज मंडी में नई लहसुन गीला होने के बावजूद 25 से 27 हजार रुपए प्रति क्विंटल के भाव तक बिका। अब नई लहसुन की खुदाई व आवक बढ़ने लगी है।

अब कृषि उपज मंडी, उप मंडी में भी नया लहसुन आने लगा है। लहसुन अभी गीला आ रहा है और तथा क्वालिटी भी कमजोर है। आवक में तेजी तथा भाव में नमी मार्च माह में आने का आकलन व्यापारी व किसान लगा रहे हैं। व्यापारियों ने विक्रय में जो लहसुन और प्याज खरीदा, उसे भी सुखाने के लिए धूप दिखाई जा रही है।

लहसुन की कीमतों में अचानक आयी तेजी से उन उपभोक्ताओं की परेशानी को बढ़ा दिया था जो पहले से ही महंगे प्याज की कीमत का सामना कर रहे हैं। प्याज के लिए उन्हें 20 से 30 रुपए प्रति किलो की दर से भुगतान करना पड़ रहा है। प्याज की तुलना में रसोई में लहसुन का इस्तेमाल काफी कम होता है लेकिन इसके बावजूद खुदरा बाजार में लहसुन 200-300 रुपए प्रति किलो की दर से बिक रहा है।

लहसुन की नई फसल जनवरी में आनी शुरू हो जाती है। जबकि पिछले साल इस समय यह केवल 20 से 30 रुपए प्रति किलो बिक रहा था, वहीं तीन महीने पहले इसकी कीमत 100 से 150 रुपए प्रति किलो थी। जनवरी महीने की शुरुआत में कीमतें लगभग 300 रुपए प्रति किलोग्राम तक पहुंच गईं, जबकि नई फसल की उम्मीद में इसमें थोड़ी नरमी आई है। लगभग तीन महीने पहले यह 150 से 200 रुपए प्रति किलो की दर से बिक रहा था इसके बाद से लगातार इसकी कीमतों में तेजी आ रही है।

बेहतर दाम व अच्छी क्वालिटी की लहसुन होने के बाद भी कम दाम मिलने से किसान नाराज दिखाई दे रहे हैं। लहसुन के भाव में तेजी की उम्मीद लगाए बैठे किसानों ने लहसुन और प्याज की खुदाई शुरू कर दी है। तेजी से निकासी होने से मंडी में लहसुन प्याज की आवक बढ़ गई है।

किसान रामप्रसाद, जीतमल पाटीदार का कहना है कि लहसुन के दाम गिरने से किसानों को लहसुन और प्याज के दाम कम मिल रहे हैं। किसानों का आरोप है कि कम दाम मिल रहे हैं और मंडी प्रशासन का कोई नियंत्रण न होने से किसानों का शोषण हो रहा है।

लहसुन गीला व कम गुणवत्ता होने के कारण भाव में कमी देखने को मिल रही है। बेहतर क्वालिटी के लहसुन के अच्छे दाम मिल रहे हैं। अभी आवक भी बढ़ गई है।

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