कुत्तों को खाना खिलाना ही इंसानों के लिए पड़ रहा भारी, 15 से 20 बच्चे हर माह हो रहे शिकार

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रायपुर-  राजधानी रायपुर के पंडित मोतीलाल नेहरू वार्ड के अशोका रतन और वीआईपी स्टेट कालोनी क्षेत्र में कुत्तों को खाना खिलाना ही इंसानों के लिए भारी पड़ रहा है। यहां कुत्ते इतने खूंखार हो चुके हैं कि अशोका रतन कालोनी के ही दो सौ से अधिक लोगों को अपना शिकार बना चुके हैं। कालोनीवासियों के बीच कुत्तों को लेकर इतनी दहशत है कि लोगों ने मार्निंग और इवनिंग वाक करना ही बंद कर दिया। यहां के रहवासी आवारा कुत्तों के कहर से बहुत आतंकित हैं। लोगों के दिमाग में बैठी यह दहशत अकारण ही नहीं है। आप यह आंकड़ा सुनकर चौंक पड़ेंगे कि इस क्षेत्र के आवारा कुत्ते महीनेभर में लगभग 15-20 बच्चों को अपना शिकार बना डालते हैं। चिंता की बात ये है कि इन कुत्तों को खुंखार बनाने का श्रेय भी कालोनी के ही कुत्ता प्रेमियों को जाता है। कालोनीवासियों के अनुसार कालोनी परिसर की सड़क और रास्तों में कुत्तों को खाना खिलाया जाता है, जिसकी वजह से ये दूसरे लोगों को भी कुछ लिए देखते हैं तो झपट्टा मारते हैं।

कुत्तों के शेल्टर होम के लिए डोनेशन देने तैयार रहवासी

अशोका रतन कालोनीवासियों में कुत्तों को लेकर इस कदर दहशत है कि कुत्तों के शेल्टर होम के लिए डोनेशन देने को भी रहवासी तैयार हैं। कालोनी के अध्यक्ष संजय श्रीवास्तव ने बताया कि सरकार इस पहल पर कार्य करे तो कालोनी से कई लोग सहयोग के लिए स्वयं आगे आएंगे। उन्होंने कहा कि सोनडोंगरी में कुत्तों का शेल्टर होम बनाने की घोषणा हुई थी, लेकिन मामला बाद में ठंडा पड़ गया। सरकार को इस ओर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है, क्योंकि धीरे-धीरे कुत्तों का आतंक आम लोगों के लिए बड़ी समस्या बन रहा है। दलदल सिवनी में भी लगभग 100 एकड़ में मनोरंजन पार्क बनाने का प्रोजेक्ट सरकार का था। सरकार चाहे तो वहां पर ही 10-15 एकड़ में कुत्तों का शेल्टर होम बना सकती है।

हिंसक हो चुके हैं कुत्ते: संजय श्रीवास्तव

अशोका रतन सेंट्रल सोसायटी के अध्यक्ष संजय श्रीवास्तव ने बताया कि उनकी कालोनी में घूमने वाले कुत्ते काफी हिंसक हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि कालोनी के सब लोग मानवीय आधार पर कुत्तों के साथ व्यवहार करते हैं, लेकिन कालोनी की सड़कों और रास्तों में इन्हें खाना खिलाना कुत्तों को हिंसक बना दिया है। छोटे बच्चों और महिलाओं के लिए हमेशा कुत्तों से खतरा बना रहता है। स्कूली बच्चों के बैग देखकर भी इनके झपट्टा मारने की घटनाएं सामने आते रहती हैं।

रात के समय कालोनी में अकेले आना खतरनाक: एमए निजार

अशोका रतन कालोनी के रहवासी एमए निजार ने बताया कि नगर निगम से कई बार गाड़ी बुलाई गई। निगम की गाड़ी को देखकर बहुत से कुत्ते भाग जाते हैं। रात के समय कालोनी में अकेले आने में डर लगता है। कालोनी में बच्चे माता-पिता की मौजूदगी के बिना खेल नहीं सकते। सोसायटी के ही कुछ कुत्ता प्रेमियों द्वारा खाना दिया जाता है, जिससे समस्याएं बढ़ रही हैं। सोसायटी लोग ही बातें नहीं सुनते हैं। सोसायटी के नियमों का पालन नहीं करते, इसलिए समस्या बढ़ती जा रही है।

महिलाओं के लिए सब्जी लेकर आना हुआ मुश्किल: विकास गोयल

अशोका रतन कालोनी के रहवासी विकास गोयल ने बताया कि वीआइपी स्टेट कालोनी में कुत्तों का आवारा आतंक इस कदर बढ़ गया है कि महिलाओं के लिए सब्जी लेकर आना बहुत मुश्किल हो गया है। वीआइपी स्टेट रेसिडेंट एसोसिएशन के विकास गोयल ने बताया कि आए दिन बच्चों और महिलाओं को कुत्तों के झपट्टा मारने की शिकायत सामने आते रहती है। कालोनीवासी ही बाहरी कुत्तों को खाना देते हैं, जिसके चलते वे बच्चों और महिलाओं के लिए खतरा बन चुके हैं।

क्या कहते हैं जिम्मेदार

आवारा कुत्तों के आतंक को लेकर वीआइपी स्टेट कालोनी क्षेत्र से कई बार शिकायतें आई हैं। इस पर प्राथमिक कार्रवाइयां भी हुई हैं, लेकिन कालोनीवासियों के खाना देने की वजह से लगातार कुत्तों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। साथ ही आए दिन लोगों को काटने की बात भी सामने आ रही है।

-गोपेश कुमार साहू, पार्षद, पं. मोतीलाल नेहरू वार्ड़

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