गुरुवार के दिन भगवान विष्णु और देवताओं के गुरु बृहस्पति का पूजन किया जाता है. मान्यता है कि इस दिन व्रत करने और पूजा-पाठ करने से जीवन की सभी समस्याओं का अंत होता है. इसके साथ ही सुख और समृद्धि आती है.
गुरुवार के दिन कुछ कामों को करने की मनाही भी होती है. माना जाता है कि इन कामों को करने से जीवन में गरीबी आती है और व्यक्ति को हर क्षेत्र में समस्याओं का सामना करना पड़ता है. गुरुवार के दिन गुरुदेव भगवान का पूजन धन और ज्ञान का भंडार भरता है.
बृहस्पति देव ने कथा में बताई है ये बात
बृहस्पतिवार की कथा के अनुसार, एक काफी प्रतापी और दानवीर राजा था पर उसकी रानी काफी दरिद्र थी. वह बिना पूजा-पाठ किए खाना पीना किया करती थी. वह अपने पति से परेशान थी, क्योंकि वो दान और धर्म के काम करते थे. एक बार उसके द्वार पर बृहस्पति देव एक ब्राह्मण का रूप रखकर आए और भिक्षा मांगने लगे. इस पर रानी ने उनसे कहा कि वह दान आदि से परेशान आ चुकी है. इस कारण कुछ ऐसे उपाय बताएं, जिससे मेरे घर से सारा धन खत्म हो जाए. इस पर ब्राह्मण बहुत आश्चर्य मे पड़ गए, पर रानी के बार-बार आग्रह करने पर उन्होंने कुछ काम बताए, जिनको गुरुवार के दिन करने से गरीबी आ जाती है. रानी 7 गुरुवार भी उन कामों को नहीं कर पाई थी कि वह कंगाल हो गई.
बृहस्पति देव ने बताए थे ये काम
रानी के आग्रह करने पर बृहस्पति देव ने बताया कि गुरुवार के दिन पूरे घर की साफ-सफाई करें. इसके साथ ही खाना बनाने के बाद चूल्हे के पीछे रख दें. लड़के दाढ़ी और बाल कटवाएं. भोजन में मांस, मदिरा और प्याज खाएं. इसके साथ ही धोबी को कपड़े धुलने को दें या फिर खुद धुलें. इन कामों को करने से कंगाली आ जाएगी. रानी ने इन कामों को किया तो कंगाली आ गई.
नहीं करने चाहिए ये काम
गुरुवार के दिन इन कामों को करने से बचना चाहिए.
इस दिन सिर, दाढ़ी आदि के बाल नहीं कटवाने चाहिए.
इस दिन हाथ और पैर के नाखून भी नहीं काटने चाहिए.
इस दिन केला नहीं खाना चाहिए. केले के पेड़ का पूजन करना चाहिए.
गुरुवार के दिन कपड़े धोने, पोछा लगाने आदि से बचना चाहिए.
इस दिन महिलाओं को अपने बाल नहीं धोने चाहिए.