हरदा हादसे में घायल कोमल की बोर्ड परीक्षा, मां और नानी के साथ अस्पताल में भर्ती

40

इंदौर–  मैं रोज की तरह अपने घर में बैठी नातिन को खिला रही थी, तभी अचानक पटाखों की आवाज आने लगी। पहले लगा रोज की तरह जांच के लिए फोड़े जा रहे होंगे, फिर लगातार धमाके सुनाई देने लगे। बाहर जाकर देखा तो आग की बड़ी-बड़ी लपटें नजर आ रही थीं। मेरी बेटी भी फैक्ट्री में काम करने के लिए गई थी। मैं घबरा गई। हमारा घर पूरा हिल रहा था। धमाकों से जमीन फट रही थी। सबसे पहले नातिन को बाहर निकाला। फिर खुद भागी।

यह बात हरदा में पटाखा फैक्ट्री हादसे में घायल बसंतीबाई ने स्वजन को बताई। बताया कि हमारा घर 300 फीट की दूरी पर है। हादसे में पूरा घर टूट गया। बेटा और दामाद मुझे लेने आए, लेकिन दूर-दूर तक पटाखे उड़कर आ रहे थे। इससे वे भी घायल हो गए। बाद में पता चला बेटी ठीक है। बसंतीबाई की बेटी मीणा और नातिन कोमल एमवाय अस्पताल में भर्ती हैं। 9 फरवरी को कोमल की दसवीं बोर्ड की परीक्षा है। ऐसे में वह परीक्षा दे पाएगी या नहीं, यह तय नहीं है।

हादसे के बाद गुलाबबाई के तीन बच्चे जयश्री, आयुषी, मोहित फैक्ट्री में ही काम कर रहे थे। तीनों वहां सुतली बम में रस्सी बांधने का काम करते थे। वहां एक हजार बम में रस्सी बांधने पर उन्हें करीब 250 रुपये मिलते थे। गुलाबबाई ने बताया कि जैसे ही सूचना मिली कि फैक्ट्री में आग लगी है और कई लोगों की मौत हो चुकी है। मैं समझ ही नहीं की अब क्या करूं। घर में अकेली ही थी।

कई लोगों से अपने बच्चों के बारे में पूछताछ करती रही, लेकिन कोई बता नहीं पा रहा था कि वह किस हालात में है। तभी कहीं से बेटे के भर्ती होने की खबर आई। अभी बेटी आयुषी यहां भर्ती है, वहीं आरोप लगाया कि बेटे मोहित को सिर में चोट आई है, लेकिन उसका इलाज किए बिना ही हरदा के अस्पताल से उसे डिस्चार्ज कर दिया है।

इन लोगों को चल रहा इलाज 

अस्पताल में अभी दीपाबाई पत्नी रमेश, बसंती पत्नी रेवाराम, मीना पत्नी भारत, कोमल पुत्री भारत, भरत सिंह, मुकेश पिता देवी सिंह, संगीता पति महेश, आयुषी चौहान, रमा बाई का इलाज जारी है। रमाबाई को फ्रैक्चर हुआ है। अधीक्षक डा. पीएस ठाकुर के मुताबिक सभी मरीजों की हालत पहले से बेहतर है।

 

Join Whatsapp Group