महादेव सट्टा एप का पैसा लगता था शेयर बाजार में, पोर्टफोलियो 1190 करोड़

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रायपुर– महादेव सट्टा ऐप में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई और जांच जारी है। ईडी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बड़ा राजफाश किया है। ईडी के अनुसार सट्टा ऐप से प्राप्त रकम को शेयर मार्केट में निवेश कर उसे वैध बनाया जा रहा था। इसमें 29 फरवरी 2024 तक भारतीय और विदेशी कंपनियों का कुल स्टॉक पोर्टफोलियो करीब 1190 करोड़ रुपये पाया गया है। कोलकता से सूरज चोखानी और भोपाल से गिरफ्तार गिरीश तलरेजा ने ईडी रिमांड में कई महत्वपूर्ण जानकारी दी है।

ईडी महादेव और उसकी सहयोगी बैटिंग कंपनियों की जांच कर रही है। इसमें इन दोनों आरोपितों के अलावा नौ और आरोपितों को पकड़ा गया है। इन दोनों की 11 मार्च तक रिमांड में हैं। इस मामले में नौ आरोपित पकड़े जा चुके हैं।

1180 करोड़ रुपये से ज्यादा का पोर्टफोलियो

हरि शंकर टिबरेवाल ने भारतीय कंपनियों के लिए शेयर निवेश की आड़ में आय को वैध बनाने और छिपाने के लिए सूरज चोखानी का उपयोग किया। हरि शंकर टिबरेवाल के सहयोगियों के नियंत्रण वाली भारतीय कंपनियों के पास 29 फरवरी तक के 580 करोड़ रुपये का स्टॉक पोर्टफोलियो रखा है।

वहीं विदेशी संस्थाओं ने भी एफपीआइ के जरिए भारत में निवेश किया। उनका भी स्टॉक पोर्टफोलियो 606 करोड़ रुपये पाया गया है। कुल मिलाकर 1180 करोड़ रुपये से ज्यादा का स्टॉक पोर्टफोलियो इन कंपनियों के पास है। कोलकाता में तलाशी से यह भी पता चला कि हरि शंकर टिबरेवाल कंपनियों के प्रमोटरों के साथ मिलकर शेयर बाजार में हेरफेर में भी शामिल है।

हरि शंकर टिबरेवाल अपनी विशाल पूंजी का उपयोग कर शेयर की कीमतों में अस्थायी उतार-चढ़ाव पैदा करते थे। उन्हें ऊपर की ओर ले जाते थे, और फिर रकम निकाल लेते थे।

आय को वैध बनाने में तलरेजा की भूमिका

गिरीश तलरेजा लोटस-365 के अवैध संचालन में रतन लाल जैन उर्फ अमन और सौरभ चंद्राकर के साथ भागीदार है। गिरीश तलरेजा को लोटस 365 की आय को वैध बनाने में सक्रिय भूमिका निभाते हुए पाया गया। एक मार्च को कोलकाता, हरियाणा, दिल्ली, एमपी, महाराष्ट्र और गोवा में कई स्थानों पर जांच की गई। इस जांच में पुणे, महाराष्ट्र से संचालित होने वाली लोटस 365 की शाखाएं भी शामिल थी।

जांच में पता चला कि इस शाखा द्वारा प्रति महीने 50 करोड़ का सट्टा कैश संभाला जा रहा था। गिरीश तलरेजा को इस शाखा के “कैश हैंडलिंग वाट्सएप ग्रुप” के सदस्यों में से भी एक पाया गया। तलाशी के बाद एक करोड़ रुपये नकद जब्त किए गए थे।

हरिशंकर टिबरेवाल ने भी अवैध संपत्ति को बनाया वैध

ईडी की जांच में यह भी पता चला है कि हरि शंकर टिबरेवाल भी महादेव ऑनलाइन बुक के प्रमोटरों के साथ जुड़ा था। सट्टेबाजी वेबसाइट “स्काई एक्सचेंज” के अवैध संचालन के लिए उसकी साझेदारी थी। हरि शंकर टिबरेवाल ने भारत और भारत के बाहर संचालित कई कंपनियों के माध्यम से सट्टेबाजी संचालन से उत्पन्न अपराध की आय को वैध बनाया था।

ईडी के अनुसार चार मार्च को महादेव सट्टा ऐप को लेकर गोवा में भी तलाशी ली गई थी। यहां एक प्रमुख पैनल संचालक को लेकर खोज की गई थी। यह पैनल संचालक एक और सट्टेबाजी बुक के लांच के लिए गोवा में था। इसके अलावा पैनल संचालक के कब्जे से 48 लाख रुपये नकद मिले। इस मामले में, तलाशी के दौरान चल संपत्ति कुल 1764.5 करोड़ रुपये जब्त किए गए हैं।

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