उज्जैन- धर्मधानी उज्जयिनी में आज बसंत पंचमी मनाई जा रही है। शहर के सिंहपुरी इलाके में चौरसिया समाज की धर्मशाला के समीप माता सरस्वती का पुराना मंदिर है। इस मंदिर में विद्यार्थी माता सरस्वती की प्रसन्नता के लिए उनका स्याही से अभिषेक करते हैं। परीक्षा में सफलता प्राप्ति के लिए देवी को कलम, दवात भी चढ़ाई जाती है। बसंत पंचमी पर बड़ी संख्या में विद्यार्थी यहां माता का स्याही से अभिषेक करने आ रहे हैं। देवी को वासंती पुष्प अर्पित कर पूजा अर्चना की जा रही है।
जानकारों के अनुसार यह मंदिर करीब 300 वर्ष पुराना और मुगलकालीन है। इस मंदिर में देवी सरस्वती की पाषाण की काले रंग की मूर्ति स्थापित की गई है।
वसंत पंचमी ज्ञान की अधिष्ठात्री देवी के प्राकट्य का दिन है। इस दिन से प्रकृति अपने नए स्वरूप में नजर आती है। इस दिन से मंदिरों में फाग उत्सव की शुरुआत होती है। पुजारियों के अनुसार महाकाल मंदिर में भस्मारती सहित अन्य आरतियों में भगवान महाकाल को हर्बल गुलाल चढ़ाया गया। भगवान को गुलाल अर्पित किए जाने का क्रम बंसंत पंचमी से शुरू होकर होली तक जारी रहेगा।
भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षा स्थली सांदीपनि आश्रम में वसंत पंचमी पर विद्या आरंभ संस्कार होंगे। पुजारी ने बताया सुबह भगवान को केसर व हल्दी मिश्रित जल से स्नान कराया गया। इसके बाद पीतांबर धारण कराकर केसरिया भात का भोग लगाकर आरती की गई। वसंत पंचमी पर मंदिर में विद्या आरंभ संस्कार की परंपरा है। इस दिन विद्या आरंभ करने वाले छोटे बच्चों का पाटी पूजन कराया जाता है। बड़ी संख्या में भक्त इस दिन बच्चों को लेकर पाटी पूजन कराने आते हैं।