इंटरनेट मीडिया पर हथियारों की डीलिंग, आइडी डी-कोड कर रही क्राइम ब्रांच

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अपराध शाखा ने अवैध हथियारों के साथ पकड़े बदमाशों ने सिकलीगरों के नाम कबूले हैं। आरोपित इंटरनेट मीडिया (इंस्टाग्राम) से संपर्क में रहते थे। आइडी फर्जी नामों से बनी है। पुलिस आइडी डी-कोड करने में जुटी हुई है।

अपराध शाखा ने मंगलवार को आरोपित रशिम उर्फ रिशू पुत्र जितेंद्र अरोड़ा निवासी नेहरु कालोनी अमृतसर (पंजाब), पुनित उर्फ पित्ता पुत्र सरदार हजेंद्रसिंह निवासी मजीठा रोड़ रामनगर कालोनी अमृतसर पंजाब और बबलू उर्फ शिवम पुत्र हुकुमसिंह निवासी 88 फीट रोड़ संधु कालोनी अमृतसर को दो कट्टे और दो पिस्टल के साथ छोटी ग्वालटोली से पकड़ा था। हथियार बेचने वाले माफिया का पूछा तो बताया भगवानपुरा (खरगोन) से हथियार खरीदे हैं। सौदा इंस्टाग्राम के जरिए होता था। सिकलीगरों ने अलग-अलग नामों से इंस्टाग्राम पर आइडी बना ली है।

पंजाब में बदमाश महंगे हथियारों के साथ इंटरनेट मीडिया पर हथियारों का वीडियो डालते है। फिल्मी गानों पर भी रील बनाते हैं। सिकलीगर वीडियो देखकर खुद ही बातचीत शुरू कर देते हैं। इसके बाद उनमें सौदा शुरू हो जाता है। इस बार भी एसा हुआ। पुलिस ने आइडी की जानकारी ली तो बाबा, वीरजी, सरदारजी, राहुल, रिशू खत्री के नाम की आइडी मिली। पुलिस के मुताबिक, आइडी फर्जी नामों से बनी है।

पकड़े गए आरोपित रिशू, बबलू उर्फ शिवम और पुनित उर्फ पित्ता के बारे में पुलिस का दावा है कि लारेंस विश्नोई गैंग से जुड़े है। रिशू ने साथ पढ़ने वाले शुभम के साथ हत्या जैसे अपराध किए है। शुभम फिलहाल जेल में ही बंद है। शुभम पंजाब के गुंडे जग्गू भगवानपुरिया का साथी है। जग्गू गैंगस्टर लारेंस विश्नोई का दांया हाथ बताया जाता है।

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