कारोबारी से सीबीआइ अधिकारी बनकर दो करोड़ रुपये ठगे, अंतरराज्यीय गिरोह के 5 सदस्‍य गिरफ्तार

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फ्रीगंज क्षेत्र के एक कारोबारी को सीबीआइ अधिकारी बनकर जालसाजों ने धमकाया और उससे दो करोड़ रुपये बैंक खातों में आनलाइन जमा करवा लिए। व्यापारी को धमकी दी गई कि एक एयरवेज कंपनी के मालिक द्वारा की गई धोखाधड़ी के रुपये उसके बैंक खाते में जमा हुए हैं।

वाट्सएप पर ही सीबीआइ का पत्र भेजकर व्यापारी को डिजिटल अरेस्ट करने की धमकी दी गई। मामले में उज्जैन पुलिस ने एक अंतरराज्‍यीय गिरोह के पांच आरोपितों को बिहार व उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार किया है। आरोपितों के पास से दस मोबाइल बरामद किए गए हैं।

एसपी प्रदीप शर्मा ने बताया कि आठ अप्रैल को उज्जैन के एक कारोबारी चरण जीत के पास वॉटसएप पर एक कॉल आया था। इस पर उसे बताया गया एक एयरवेज कंपनी के मालिक द्वारा की गई करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी के रुपये उसके बैंक खाते में ट्रांसफर हुए हैं। मामले की जांच सीबीआइ द्वारा की जा रही है। काल करने वाले लोगों ने वाटसएप पर महराष्ट्र पुलिस का लाेगो लगा रखा था। व्यापारी को सीबीआइ व गवर्मेंट आफ इंडिया के विभिन्न विभागों के लेटर हेड पर दिया गया अरेस्ट आर्डर वाॅट्सएप पर भेजा गया।

आरोपितों ने व्यापारी को गिरफ्तारी का डर दिखाकर आटीजीएस के माध्यम से आठ अप्रैल को डेढ़ करोड़ रुपये जमा करवाए थे। इसके बाद अगले दिन फिर 50 लाख रुपये कारोबारी ने जमा करवा दिए। आरोपितों ने कारोबारी को इस बात का विश्वास दिलाया था की जैसे ही प्रकरण में यह बात स्पष्ट हो जाएगी की धोखाधड़ी के रुपये फरियादी के खाते में नहीं आया है, उसका पूरे रुपये वापस कर दिए जाएंगे। मगर फिर से उससे रुपये की मांग की गई थी। इसके बाद व्यापारी ने एसपी प्रदीप शर्मा को शिकायत की थी।

घटना की गंभीरता को देखते हुए तत्काल एसपी ने एएसपी गुरु प्रसाद पाराशर, एएसपी पूर्व जयंत राठौर, सीएसपी माधवनगर दीपिका शिंदे के नेतृत्व में टीम गठित कर थाना प्रभारी माधवनगर राकेश भारती, सायबर प्रभारी प्रतीक यादव को कार्रवाई के निर्देश दिए थे।

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